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आसान नहीं / अशोक वाजपेयी
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प्रेम आसान नहीं है,
उसमें इतनी निराशाएँ होती रही हैं,
फिर भी वही एक उम्मीद है,
वही आग है,
वही लौ है,
वही अर्थ की दहलीज़ है।