भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दिल्ली में कवि-कर्म / कात्यायनी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:04, 16 फ़रवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कात्यायनी |संग्रह=फुटपाथ पर कुर्सी / कात्यायनी }…)
ताक़त से डरे। मरे।
जन्मे।
फिर ताक़त से डरे।
मरे नहीं।
कविताएँ लिखीं। भय के ख़िलाफ़
पुरस्कृत हुए।
ताक़्त से डरते नहीं। अब।
पास ही तो रहते हैं।
एकदम दिल्ली में।
रचनाकाल : फ़रवरी, 2001