Last modified on 21 फ़रवरी 2010, at 22:09

चंदन सा बदन चंचल चितवन / इंदीवर

Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:09, 21 फ़रवरी 2010 का अवतरण

रचनाकार: ??                 

ऐ मेरे हमसफ़र
ले रोक अपनी नज़र
ना देख इस कदर
ये दिल है बड़ा बेसबर

चांद तारों से पूछ ले
या किनारो से पूछ ले
दिल के मारो से पूछ ले
क्या हो रहा है असर

ले रोक अपनी नज़र
ना देख इस कदर
ये दिल है बड़ा बेसबर

मुस्कुराती है चांदनी
छा जाती है ख़ामोशी
गुनगुनाती है ज़िंदगी
ऐसे में हो कैसे गुज़र

ले रोक अपनी नज़र
ना देख इस कदर
ये दिल है बड़ा बेसबर