Last modified on 1 मार्च 2010, at 05:59

प्रभु जी मेरे अवगुन चित ना धरो / इंदीवर

Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:59, 1 मार्च 2010 का अवतरण (आता लबों पे नाम तेरा / प्रतिमा का नाम बदलकर प्रभु जी मेरे अवगुन चित ना धरो / इंदीवर कर दिया गया है)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

प्रभु जी मेरे अवगुन चित ना धरो
समदरसी है नाम तुम्हारो, नाम की लाज करो
प्रभु जी मेरे अवगुन चित ना धरो..

एक नदी एक नाला कहाय, मैल हो नीर भरो
गंगा में मिल कर दोनों, गंगा नाम परो
प्रभु जी मेरे अवगुन चित ना धरो..

काँटे और कलियाँ दोनों से, मधुबन रहे भरो
माली एक समान ही सीँचे, कर दे सबको हरो
प्रभु जी मेरे अवगुन चित ना धरो..