भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

क़तरा-ए-मै बस कि हैरत / ग़ालिब

Kavita Kosh से
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:53, 6 मार्च 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ग़ालिब}} Category:ग़ज़ल <poem> क़तरा-ए-मै<ref>शराब की बूंद</r…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

क़तरा-ए-मै<ref>शराब की बूंद</ref> बस कि हैरत से नफ़स-परवर<ref>जीवन बढ़ानेवाला</ref> हुआ
ख़त्त-ए-जाम-ए-मै<ref>शराब के प्याले की रेखा</ref> सरासर रिश्ता-ए-गौहर<ref>मोती की लड़ी</ref> हुआ

एतिबार-ए-इश्क़ की ख़ाना-ख़राबी देखना
ग़ैर ने की आह, लेकिन वह ख़फ़ा मुझ पर हुआ

शब्दार्थ
<references/>