भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लड़की और लोकगीत / अरविन्द चतुर्वेद
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:41, 7 मार्च 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= अरविन्द चतुर्वेद |संग्रह=सुन्दर चीज़ें शहर के …)
अम्मा को रोऊँ
मैं सावन-भादों
बाबू को जेठ-आषाढ़
भैया को रोऊँ चैत महीना
भौजी को रोऊँ बैशाख
छोटकी को रोऊँ
क्वार औ’ कातिक
बाबा को रोऊँ मैं माघ
अपने ख़ातिर मैं कैसे रोऊँ अम्मा
आँसू कम पड़ जाएँ