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घड़ियाली देहो निकाल नीं / बुल्ले शाह

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घड़ियाली (घंटा बजाने वाला) को निकाल दो क्योंकि
आज मेरे प्रियतम घर आए हैं।
घड़ियाली थोड़ी-थोड़ी देर बाद घड़ियाल बजाकर मेरे मिलन की रात को घटा देता है।
अगर वो मेरी बात समझता है
तो उसे ख़ुद अपने हाथ से घड़ियाल फेंक देना चाहिए।


मूल पंजाबी पाठ

घड़ियाली देहों निकाल नीं,
घड़ी-घड़ी घड़ियाल बजावे,
रैन वसल दी पिया घटावे,
मेरे मन दी बात जे पावे,
हथ्थों च सट्टे घड़ियाल नी।