रचनाकार: शैलेन्द्र |
नानी तेरी मोरनी को, मोर ले गए
बाकी जो बचा था, काले चोर ले गए
खाके पीके मोटे होके, चोर बैठे रेल में
चोरों वाला डिब्बा कट कर, पहुँचा सीधे जेल में
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए ...
उन चोरों की खूब ख़बर ली, मोटे थानेदार ने
मोरों को भी खूब नचाया, जंगल की सरकार ने
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए ...
अच्छी नानी प्यारी नानी, रूसा-रूसी छोड़ दे
जल्दी से एक पैसा दे दे, तू कंजूसी छोड़ दे
नानी तेरी मोरनी को, मोर ले गए ....