भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
और वह / अशोक वाजपेयी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:21, 20 मार्च 2010 का अवतरण
ठण्ड, बारिश, हवा, बुढ़िया
और वह;
आकाश, धूप, अकेली चिड़िया
और वह;
सुनसान, दस्तक, डर, पदचाप
और वह;
प्रतीक्षा, मृत्यु, कविता,शब्द
और वह;
ओझल अदृश्य दूर नीरव
वह;
वही वही वही वही और
वह।