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जो उसे पुकारता है / अशोक वाजपेयी
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वह जौसे पुकारता है
उसे उसकी आँखों को
सम्बोधित करना चहिए,
उसकी हँसी से बात करनी चाहिए,
उसकी हैरानी को लिखना चाहिए।
वह जो उसे पुकारता है
उसे कोमल उँगलियों से कहना चाहिए,
शब्दों को उसकी बाँहें लपेटना चाहिए,
कविताओं को उसके कुचाग्रों पर
कत्थई होना चाहिए।
वह जो उसे पुकारता है
उसे पुकार को भरना चाहिए-
धरती की गन्ध से,
आकाश के शून्य से,
आग की लपट से,
हवा के स्पर्श से,
जल के प्रवह से।