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बड़ा हो रहा है / रघुवीर सहाय

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बड़ा हो रहा है लड़का
उन औज़ारों के बिना
जिनसे वह बनाता और तोड़ता हुआ बड़ा होता
वह सिर्फ़ बड़ा हो रहा है