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एक बीज की आवाज़ पर / एकांत श्रीवास्तव
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बीज में पेड़
पेड़ में जंगल
जंगल में सारी वनस्पति पृथ्वी की
और सारी वनस्पति एक बीज में
सैकड़ों चिडियों के संगीत से भरा भविष्य
और हमारे हरे भरे दिन लिये
चीखता है बीज
पृथ्वी के गर्भ के नीम अंधेरे में-
इस बार पानी में सबसे पहले मैं भीगूं
बारिश की पहली फुहार की उंगली पकड़कर
मैं बाहर जाऊं
तुम्हारी दुनिया में
दुनिया एक बीज की आवाज पर टिकी है.