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यह सब लिख / लीलाधर मंडलोई
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यह हंसी मैं सुन रहा हवा के एवज
यह हंसी मैं सुन रहा फूल के एवज
यह हंसी मैं सुन रहा जल के एवज
यह हंसी मैं सुन रहा ऋतु के एवज
यह हंसी मैं सुन रहा पृथ्वी के एवज
यह हंसी मैं सुन रहा अंतरिक्ष के एवज
और यह जो हंसी गूंज रही बच्चों की निर्द्वन्द्व चतुर्दिक
हुजूर जी-7 सावधान!
यह अब सब लिख आपके एवज
मैं आपकी प्रायोजित से बची हंसी की लड़ाई में शामिल हुआ