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जलस्वप्न / लीलाधर मंडलोई
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नारियल के उस बड़े दरख्त में अटका है चांद
और मै जा सकता हूं पेड़ की छाया से होता हुआ
जल जहां सबसे ज्यादा प्रसन्न है
जहां सबसे ज्यादा प्रसन्न है वह
गहरी नींद में वहां सोये हैं मेरे बच्चे
अंधेरा हालांकि बढ़ रहा है चतुर्दिक
बच्चों की नींद में है जलस्वप्न
मैं लौट सकता हूं आश्वस्त
बच्चों के स्वप्न में कहीं नहीं है ऑक्टोपस
बच्चों की नींद में बच्चों का स्वप्न है अब तक