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आसरा मत ऊपर का देख / हरिवंशराय बच्चन

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आसरा मत ऊपर का देख,

सहारा मत नीचे का माँग,

यही क्‍या कम तुझको वरदान

कि तेरे अंतस्‍तल में राग;


राग से बाँधे चल आकाश,
राग से बाँधे चल पाताल,
धँसा चल अंधकार को भेद
राग से साधे अपनी चाल!