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और यह मिट्टी है हैरान / हरिवंशराय बच्चन

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और यह मिट्टी है हैरान

देखकर तेरे अमित प्रयोग,

मिटाता तू इसको हरबार,

मिटाने का इसका तो ढोंग,


अभी तो तेरी रुचि के योग्‍य
नहीं इसका कोई आकार,
अभी तो जाने कितनी बार
मिटेगा बन-बनकर संसार!