भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तामिया / लीलाधर मंडलोई

Kavita Kosh से
Pradeep Jilwane (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:20, 28 मई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=रात-बिरात / लीलाधर मंडलोई …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

(तामिया - छिंदवाड़ा जिले का सुंदर पर्यटन स्थल)


पहुँचिये आप कभी भी
रात के बारह
या अलस्सुबह जब मन हो

बरहमेस मिलेगा स्वागत में राह तकता
मालूम है उसे
कभी भी पहुँच सकता है कोई
दुखों से भागकर

हो सकता है तामिया भी
होता हो कभी दुखी
और भागना चाहता हो अपने से बाहर

मैंने कभी नहीं पढ़ा
और न सुना आदिवासी कथाओं में

कोई बताएगा कि मैं जानना चाहता हूँ
तामिया के बारे में

मुझे क्यों आ रहे हैं कई दिनों से सपने बुरे