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मेरे नयनों के आँसू का / सुमित्रानंदन पंत
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मेरे नयनों के आँसू का
एक बूँद यह पारावार,
क्रीड़ा की प्रिय सामग्री का
एक सीप यह व्योम उभार!
मेरे शोकानल का केवल
एक अग्नि कण नरक प्रचंड,
उर के सुख के एक दिवस का
एक मधुर क्षण स्वर्ग अपार!