कवि:शमशेर बहादुर सिंह Catagory:कवितायें Catagory:शमशेर बहादुर सिंह
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बात बोलेगी,
हम नहीं।
भेद खोलेगी
बात ही।
सत्य का मुख
झूठ की आँखें
क्या-देखें!
सत्य का रूख
समय का रूख हैः
अभय जनता को
सत्य ही सुख है
सत्य ही सुख।
दैन्य दानव काल भीषण क्रूर स्थिति कंगाल बुद्धि घर मजूर।सत्य का क्या रंग है- पूछो एक संग।एक-जनता का दुःख ः एक। हवा में उड़ती पताकाएँ अनेक। दैन्य दानव। क्रूर स्थिति।कंगाल बुद्धिः म