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थोडा मन के अंदर देख / विजय वाते
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पल पल देख निरंतर देख,
थोडा मन के अंदर देख ।
कैसे खेल दिखाता है,
आदमजात कलंदर देख ।
इंद्र सभा मे क़ैद हुआ,
स्वर्ग का राजा इन्दर देख ।
अंदर से सारे प्यासे,
नदियाँ और समंदर देख ।
वो भी कितना तनहा है,
दुनिया जीत सिकंदर देख ।