हमसे कौन लड़ाई बाबा ?
हो अब तो सुनवाई बाबा !
सबकी सुनता ; हमरी अब तक
बारी क्यों न आई बाबा ?
हमसे नाइंसाफ़ी करते '
तनिक रहम न खाई बाबा ?
इक बारी मं कान न ढेरे
कितनी बार बताई बाबा ?
बार-बार का बोलें ? सुसरी
हमसे हो न ढिठाई बाबा !
नहीं अनाड़ी तुम कोई; हम
तुमको का समझाई बाबा ?
दु:ख से हमरा कौन मेल था,
काहे करी सगाई बाबा ?
बिन बेंतन ही सुसरी हमरी
पग-पग होय ठुकाई बाबा !
तीन छोकरा, इक घरवाली,
है इक हमरी माई ; बाबा !
पर… इनकी खातिर भी हमरी
कौड़ी नहीं कमाई बाबा !
बिना मजूरी गाड़ी घर की
कैसन बता चलाई बाबा ?