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एक दिन / रेणु हुसैन
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उसने जन्म लिया
उसने बुरका पहना
उसने सीमा बाँधी
एक दिन
उसकी शादी हो गई
उसने बात मानी
उसने घर बनाया
फिर एक दिन
जाने क्या हुआ
जाने क्यूँ
उसे मिल गई दुनिया से मुक्ति