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क्रिसमस के पेड़ / कर्णसिंह चौहान
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बर्फ ने हमला किया
नेजों से, तलवारों से
निहत्थे थे पर
भागे नहीं क्रिसमस के पेड़ ।
जमकर लड़े
घायल
लहूलुहान
छोड़ गई साथ सब सेनाएं
शावक
शरणार्थी
टूट गिरी शाखाएं
बन गए ठूंठ
सौरभहीन, श्रीहीन पर
डटे रहे क्रिसमस के पेड़ ।
बेरहम शत्रु ने
किए वार-पर-वार
महीनों तक डाला घेरा
लूटे घर
मिटाई पहचान पर
हारे नहीं क्रिसमस के पेड़ ।
जड़ों पर रहा विश्वास
जीवन की आस ।
सुन पुकार
सात समुद्र पार कर
भागा आया सूरज
किरणों के रथ पर चढ़
बजे शंख
आया वसंत
भाग चली बर्फ
पेड़ों ने ली अंगड़ाई
फूटी कोंपल
लौट आई वनश्री
आह्लाद में
नाचा सारा जंगल ।