भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फूले कदंब / नागार्जुन

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:15, 29 अप्रैल 2007 का अवतरण (New page: नागार्जुन कवितायें नागार्जुन ******************************** फूले कदंब टहनी-टहनी मे...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नागार्जुन कवितायें नागार्जुन

फूले कदंब

टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदंब

फूले कदंब

सावन बीता

बादल का कोप नहीं रीता

जाने कब से वो बरस रहा

ललचाई आंखों से नाहक

जाने कब से तू तरस रहा

मन कहता है छू ले कदंब

फूले कदंब

झूले कदंब

१९६४ में लिखी गई