भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

द्विरुक्ति / लीलाधर जगूड़ी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:12, 9 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर जगूड़ी |संग्रह =चुनी हुई कविताएँ / लीलाधर जगूड…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अमीरों का मुहावरा ?
-ज़रा इधर जा रहा हूँ
ज़रा उधर जा रहा हूँ
थोड़ा-सा काम है

ग़रीबों का मुहावरा ?
-आराम हराम है ।