भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
और वह बच्चा / नरेन्द्र जैन
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:50, 10 जुलाई 2010 का अवतरण
और
वह बच्चा
जिसका ख़याल बरसों तक
तुम अपने जेहन में पालती रहीं
और वह बच्चा
जो
इस मौसम में
तुम्हारे ख़ून में पलना शुरू हो गया है
और
वह बच्चा
जो कल तुम्हें
माँ माँ पुकारता हुआ
दुनिया में दौड़ता-फिरेगा
और
वह
बच्चा