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मतलब ही की बोलै बात / भारतेंदु हरिश्चंद्र
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मतलब ही की बोलै बात ।
राखै सदा काम की घात ।
डोले पहिने सुंदर समला ।
क्यों सखि सज्जन नहिं सखि अमला ।