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लंगर छोड़ि खड़ा हो झूमै / भारतेंदु हरिश्चंद्र
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लंगर छोड़ि खड़ा हो झूमै ।
उलटी गति प्रति कूलहि चूमै ।
देस देस डोलै सजि साज ।
क्यों सखि सज्जन नहीं जहाज ।