भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शब्द/रमेश कौशिक
Kavita Kosh से
Kaushik mukesh (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:55, 19 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश कौशिक |संग्रह=कहाँ हैं वे शब्द / रमेश कौशिक }…)
शब्द मेरे
हो गए नि:शब्द
ठीक मेरी ही तरह जब तुम्हारे पास आए |
किन्तु फिर भी
नि:शब्द होकर शब्द ने
सब कह दिया
जो अनकहा था |