भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मोहताजों की ख़बर ले, तेरी लें भगवान / गंगादास

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:58, 2 अगस्त 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गंगादास }} Category: कुण्डली <poem> मोहताजों की ख़बर ले, …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मोहताजों की ख़बर ले, तेरी लें भगवान ।।
जस परगट दो लोक में, होगा निश्चय जान ।।

होगा निश्चय जान, मान वेदों का कहना ।
जो ठावे उपकार उदय होता है लहना ।।

गंगादास ले ख़बर राम उनके काजों की ।
जो लेते हैं ख़बर जगत में मोहताजों की ।।