मैं राजदरबार से
चला आया
अपनी ही नज़रों में
गिरने से बच गया।
नए माहौल में
भटकना भला लगता है
सुविधा का भरण क्षण तो
सड़ा-गला लगता है
उनकी क्या करता
हाँ-हज़ूरी
जो ख़ुद मोहताज हैं
मैं राजदरबार से
चला आया
अपनी ही नज़रों में
गिरने से बच गया।
नए माहौल में
भटकना भला लगता है
सुविधा का भरण क्षण तो
सड़ा-गला लगता है
उनकी क्या करता
हाँ-हज़ूरी
जो ख़ुद मोहताज हैं