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भगवान / विश्वनाथ प्रताप सिंह

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भगवान हर जगह है
इसलिये जब भी जी चाहता है
मैं उन्हे मुट्ठी में कर लेता हूँ
तुम भी कर सकते हो
हमारे तुम्हारे भगवान में
कौन महान है
निर्भर करता है
किसकी मुट्ठी बलवान है।