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आदमी हर तरह लाचार है / शेरजंग गर्ग
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आदमी हर तरह लाचार है प्यारे भाई
और क्या ख़ाक समाचार है प्यारे भाई
गुंडई में बड़ी रफ्तार है प्यारे भाई
सिर्फ़ सौजन्य गिरफ्तार है प्यारे भाई
भष्ट आचार यहाँ सिर पे चढ़ा जादू है
धुन रहा शीश सदाचार है प्यारे भाई
नाचना, कूदना, मंचो पै चढ़ा जादू है
अब विदूशक ही कलाकार है प्यारे भाई
मौत के घूँट पिए किंतु ज़ुबाँ बन्द रही
खुदखुशी किस कदर खुद्दार है प्यारे भाई
ज़ोर से चीखिए मत, नीन्द उचट जाएगी
चैन से सो रही सरकार है प्यारे भाई
श्याम को श्वेत करो, और कोई रंग भरो
आपके हाथ में अखबार है प्यारे भाई