भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

न भूख न प्यास गयी / सर्वत एम जमाल

Kavita Kosh से
Alka sarwat mishra (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:20, 5 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna}} रचनाकार=सर्वत एम जमाल संग्रह= …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

                  रचनाकार=सर्वत एम जमाल  
                  संग्रह=
                  }}
                  साँचा:KKCatGazal

न भूख प्यास गयी

न अपनी आस गयी


पहाड़ पिघले कब

नदी उदास गयी


थमी थी खामोशी

रचा के रास गयी


मिला शराफत को

नया लिबास, गयी


ये मेरा लहजा है ?

कहाँ मिठास गयी


लिबास उग तो गए

मगर कपास गयी