Last modified on 5 सितम्बर 2010, at 18:16

चेहरा-चेहरा फरियादी है / सर्वत एम जमाल

Firstbot (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:16, 5 सितम्बर 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चेहरा चेहरा फरियादी है

कहने भर को आजादी है


तुम कितना भी ज़ोर लगा लो

शहर गुलामी का आदी है


वीराने को यूँ मत देखो

कागज़ पर तो आबादी है


अमन, मुहब्बत, भाईचारा

उस्तादों की उस्तादी है


आप मुहाफिज़ देश के होंगे

लेकिन जिसके तन खादी है ?



यह बारिश रहमत है लेकिन

अबके क़यामत ही ढा दी है


हार चुका है सर्वत , तुमने

यह अफवाह तो फैला दी है