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रुदन / उत्‍तमराव क्षीरसागर

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रुदन
एक ग़ैरमामूली हरकत है
इसका इस्‍तेमाल ज़रा बेबसी
और तनहाई में ही किया करें

माँ याद आए तो देख लें किसी भी
औरत का चेहरा
बहन याद आए तो देख लें किसी भी
औरत का चेहरा
बेटी याद आए तो देख लें किसी भी
‍औरत का चेहरा

फिर भी न रूके रुलाई तो चीख़-चीख़कर रोएँ बेधडक
दहाड़े मारते देखेगी दुनिया तो
आस-पास जमा होंगी औरतें ही
उन्‍हीं में मिल जाएगा कोई चेहरा
माँ जैसा
बहन जैसा
बेटी जैसा