Last modified on 23 सितम्बर 2010, at 19:17

हौसला दिल का निकल जाने दे / शहरयार

Hemendrakumarrai (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:17, 23 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शहरयार |संग्रह=सैरे-जहाँ / शहरयार }} {{KKCatKavita}} <poem> हौसल…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हौसला दिल का निकल जाने दे
मुझको जल जाने दे पिघल जाने दे

आँच फूलों पे न आने दे मगर
ख़सो-ख़ाशाक को जल जाने दे

मुद्दतों बाद सबा आई है
मौसमे दिल को बदल जाने दे

छा रही है जो मेरी आँखों पर
उन घटाओं को मचल जाने दे

तज़्किरा उसका अभी रहने दे
और कुछ रात को ढल जाने दे