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चर्मकार / लीलाधर मंडलोई
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भेड़ की खाल की
सुगन्ध के बारे में
जानता है कर्मकार
मदमस्त हो उठता है उसमें
भेड़ का कोट पहनने वाले
उस सुगन्ध का पता
खोजते रहते हैं जीवन भर