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सजा / लीलाधर मंडलोई
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मैं जानता था
कितनी लफ्फाजी कर सकता हूं मैं
मैंने नहीं चुना वह रास्ता
मीडिया प्रमुख होने के बाद
मैं नहीं था मीडिया में और
उन्होंने तस्लीम कर दिया इस मेरी कमजोरी
वे नहीं जानते थे कि
एक लेखक के लिए कितनी बड़ी हो सकती हैं
लफ्फाजी की सजा