भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लिखे में दुक्ख (शीर्षक कविता) / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
Pradeep Jilwane (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:43, 29 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर म…)
मेरे लिखे में
अगर दुक्ख नहीं
और सबका नहीं
मेरे लिखे को आग लगे