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काला बैल, उजला बैल / ग्रिगोरी बरादूलिन

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काला है बैल मेरी चिंताओं का
उजला है बैल मेरी आशाओं का
मेरी राहों को स्वीकार है धूल
और घाटियाँ मेरी आँखों को

फैलते हैं बादल
फैलते हैं खेत
फैलता है हिमपात
फैलता है आज का दिन
फैलता है बीता कल
ख़ुश हैं सब
आराम से बैठेंगे घोड़ागाड़ी पर ।

फैलती है मेरे रास्ते की दूरी
फैलता है उजला आलोक
फैलता है घना अँधकार...
काला है बैल मेरी चिंताओं का
उजला है बैल मेरी आशाओं का ।

रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह