भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आम का पेड़ / आलोक धन्वा
Kavita Kosh से
Pradeep Jilwane (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:28, 11 अक्टूबर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार = आलोक धन्वा }} {{KKCatKavita}} <poem> बीसों साल पुराना यह पेड़ …)
बीसों साल पुराना
यह पेड़ आम का
शाम के रंग का
ज़मीन तक झुक कर
ऊपर उठी हैं इसकी कई डालियाँ
कुछ तने को ऊपर उठाती
साथ-साथ गयी हैं खुले में
रात में इसके नीचे
सूखी घास जैसी गरमाहट
नीड़, पक्षियों की साँस
उनके डैनों और बीट की गंध
काली मिट्टी जैसी छाया।
(1996)