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आम का पेड़ / आलोक धन्वा
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बीसों साल पुराना 
यह पेड़ आम का
शाम के रंग का
 
ज़मीन तक झुक कर 
ऊपर उठी हैं इसकी कई डालियाँ
कुछ तने को ऊपर उठाती
साथ-साथ गई हैं खुले में 
 
रात में इसके नीचे
सूखी घास जैसी गरमाहट
नीड़, पक्षियों की साँस 
उनके डैनों और बीट की गंध 
काली मिट्टी जैसी छाया। 
(1996)
	
	