भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
देन्णा होई जाया बें सेळी धरती / गढ़वाली
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:33, 20 अक्टूबर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=खड़ी बोली }}<poem> देन्णा हो…)
{KKGlobal}}
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
देन्णा होई जाया बें सेळी धरती
देन्णा होई जाया बें भूमियाळा दयोऊ
देन्णा होई जाया बें माईSSमडूली
देन्णा होई जाया बें रितू बसंता
देन्णा होयां देवताओं उलामुला मासा
देन्णा होयां देवताओं चुलामुला बारा
ऋतू बौडी औगया बै दाई जसो फेरो
ऋतू बौडी औगया बै बारूणी बगत
उलापैटा मासा बै बौडी कै नी औना
ऋतू फेरी बसंता बै फेर बौडी औगे
सूकुओ का सनणा बै मौली कै नी औना
हरी भरी सनणा बै फेर मौळी औगे
कनु औगे दयाल्तायों चौपन्थी चौखाळ
मौळणाऊ लैगे बै चांचर की धूप
ऋतू चाडों बासना ऋतू ऋतू बोना
ऋतू चाडी बासनी मैता-मैता बोनी
ओखाडा की फाग्यूं माँ कफ़ूणा बासलों
सान्यों-सान्यों बासा बै घुघूती घूरली
सैळा जैटा बारां बै सैळी सूरी बासा
माळनो की घुघूती पराबतूं आगे