आज तुम्हारा जन्म हुआ था इसी देश में
राष्ट्रपिता होने के पहले कठिन क्लेश में
तब यह भारत सिंह-दंत-नख से शासित था
परदेसी पामर प्रसाद से परितापित था
तुमने देखा नय के ऊपर अनय विराजा
दहन-दमन का बजा रहा था दुर्मद बाजा
जन-प्रतिजन आकुल रोता था
रचनाकाल: २३-०९-१९६१