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डर / रघुवीर सहाय
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रचनाकार: रघुवीर सहाय
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बढ़िया अंग्रेज़ी वह आदमी बोलने लगा
जो अभी तक मेरी बोली बोल रहा था
मैं डर गया ।
(कवि के मरणोपरांत प्रकाशित 'एक समय था' नामक कविता-संग्रह से )