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आज जो आपको सुनानी है / कुमार अनिल
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आज जो आपको सुनानी है
ज़िन्दगी की अजब कहानी है
तब मिले हैं ग़ज़ल के ये मोती
हमने दुनिया की ख़ाक छानी है
घर के बहार निकल के देखो तो
आज की रुत बहुत सुहानी है
सौंधी ख़ुशबू से भर गया घर को
पहली बारिश का पहला पानी है
मेरी ग़ज़लों में दर्दे मुफ़लिस है
कोई राजा न कोई रानी है
फिर से महकेगा आज घर मेरा
आज फिर याद उनकी आनी है