कुमार अनिल / परिचय
जन्म स्थान : मेरठ (उत्तर प्रदेश) प्रकाशित पुस्तकें : और कब तक चुप रहें, ग़ज़ल संग्रह (नवधा प्रकाशन, मेरठ), उदीषा (काव्य संकलन, उदीषा प्रकाशन, मेरठ) संकलित : हिंदी की सर्वश्रेष्ठ गजलें, ज्योति कलश, मयराष्ट्र दर्पण, नया जमाना नयी ग़ज़लें, पलाश वन में, आखर -आखर गंध के अतिरिक्त अन्य कई संकलनो में रचनाएँ संकलित । इसके अतिरिक्त लगभग सभी राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। प्राप्त पुरस्कार/सम्मान : अखिल भारतीय साहित्य कला मंच द्वारा सन २००८ दुष्यंत स्मृति पुरस्कार, विभिन्न सामाजिक व साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मान। विस्तृत जीवनी : बी एस सी, एम ए(अर्थशास्त्र), भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत, सन १९७८ से गीत, ग़ज़ल, कहानी, लघुकथा , निबंध लेखन
आज जब संवेदनाएं मर रही हैं, निष्ठाएं दरक रहीं हैं और नैतिक मूल्यों का निरंतर ह़ास होता जा रहा है, ऐसे में साहित्य ही ऐसा माध्यम है जो इन्सान को इंसानियत से जोड़ने में अहम् भूमिका निभा सकता है। साहित्य में भी कविता एक ऐसी विधा है जो कम से कम शब्दों में मर्म पर गहरे से गहरा प्रभाव छोडती है। संक्षेप में कहें तो कविता मानवीय अनुभूतियों को शब्दों के द्वारा प्रगट करने का सबसे प्रभावपूर्ण माध्यम है.