भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ओ अदीतवार : बो अदीतवार / सांवर दइया

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:17, 26 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>शनिवार नै कित्ता राजी हुवता आपां कै काल अदीतवार है मतलब तिंवार …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शनिवार नै कित्ता राजी हुवता आपां
कै काल अदीतवार है
मतलब तिंवार है
मतलब मान-मनवार है
आवतो कोई बेली
मन करण लागतो थड़ी
जाणै बळतै धान माथै
इमरत बूंदां पड़ी
पुसब-सा महकण लागता चौफेर…


शनिवार नै कित्ता राजी हुवता आपां
कै काल अदीतवार है
मतलब दिनूगै री चाय सूं लेय र
               देर रात तांई
चितरामां री भरमार है
बुद्धू बक्सै री बाथां में ई सार है
अबै आयोड़ै कनै
मरियै मन सूं बैठां जणा
गिंधावती लाशां लखावै चौफेर…