भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उस पार की जमीन / डॉ. सत्यनारायण सोनी

Kavita Kosh से
Ajayparlika (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:02, 27 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: बच्चे के पास नहीं है कोई जेट विमान कोई रॉकेट या हवाई सर्वेक्षण क…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बच्चे के पास

नहीं है कोई जेट विमान

कोई रॉकेट

या हवाई सर्वेक्षण करता

कोई हैलिकौप्टर।


उसके पास है

प्यार की डोरी में बंधी

एक पतंग

उड़ते-उड़ते पहुंच गई जो

सरहद पार के आसमान में

बांट रही

एक अदद मुस्कान।


कोई शक की नजरों

नहीं देखेगा उसे

सरहद पार।

न ही दागी जाएगी

कोई मिसाइल

उसे गिराने को।


कोई बच्चे जैसा बच्चा

सरहद पार का

निहारेगा उसे

तालियां बजाएगा

खिलखिलाएगा।


कटकर जाएगी जब

तो वह उमंगों भर जाएगा

लूटने को दोनों हाथ फैलाएगा।

और इस प्रकार

भर जाएगी मुस्कान से

सरसब्ज हो जाएगी प्यार से

उस पार की जमीन।